Sunday, July 10, 2011

सन्दीप कंवल भुरटाना

जिद म्हं मास्टर बण जाउंगा,
जिद म्हं मास्टर बण जाउंगा,
सारी धरती आसमान सर पअ् ठाउंगा,
क्यातैं राजी होरी सो मैडमांे,
मैं भी किसे मास्टरणी तै ब्याह करवाउंगा,
आच्छा सरकारी नाज खांवागें,
क्यातै बालकां नै पढ़ावांगे,
वा भी नींद म्हं बैठी उंघगी,
मेरअ् खातर स्वेटर गुनेगी,
अर् मैं भी आपणे गोधू का टोपा बणवाउंगा,
जिद मै मास्टर बण जाउंगा,
बिना नहाए फेर आवगी बासी,
बालका पै मंगवाके पिउंगा लासी,
मिड-डे-मील का राषन खाउंगा,
धर के पां मेज पै सो जाउंगा,
बालक भी खूब ए मौज उडावगें,
खेलदे-खेलदे मेरी टांगा तलै कै लिकड़ जावंगे,
जै कोणसा फसगा! उसपै एक बीड़ी का बंडल मंगवाउंगा
जद मैं मास्टर बण जाउंगा,,
खूब मारूंगा फरलो,
चाहे कोए किमे करलो,
सरपंच तै घणा प्यार सै,
बीओ आपणा रिष्तेदार सै,
बालक भी तो चार सैं,
मैं तो नुए मजे उडाउंगा,
जद मैं मास्टर बण जाउंगा,,,
राजनीति का ख्ूाब जमकै खेलूंगा खेल,
सारा नै पास करूंगा किसे न नहीं करूं फेल,
कोए अपरोच आला कोए पास हो अक्ल तै,
रह्या-सह्या का काम काढूंगा नक्ल तै,
नू कर कार कै नै बालकां नै आपणी बराबरी पै लाउंगा,
जद मैं मास्टर बण जाउंगा,,,
पार्टी कै टेम पै मन्नै मारली थी घूंट,
जितनी बात पहलंा कही वो थी झूठ,
सरकारी अर् प्राइवेट म्हं फर्क जाणूं रै,
सरकारी स्कूलां के मास्टर क्यूं बणगे परमाणु रै,
बालका पै इसा बम फोड़ देवं सैं,
हालात नै देखके बालक स्कूल छोड़ देवं सैं,
इननै सुधारण खातर कोए जत्न बणाणा होगा,
जवान-जवान छोरा नै, डंका फेर बजाणा होगा,
गुरु जीयां का दर्जा इन्नै फेर दुवाणा होगा,
सारे बालक पढ़ा पाछै, खुषहाल हरियाणा होगा,
फेर कोए मास्टर कोनी कहवै,
मैं धरती सर पै ठाउंगा,
जद मैं मास्टर बण जाउंगा,,,
सारे बालकां नै रज कै पढ़ाउंगा,
मिड-डे-मील का राषन नहीं खाउंगा,
अर् मेरे बालकां नै भी,
सरकारी स्कूल म्हं पढ़ाउंगा
षिक्षा, स्कूल और देष बचाके थाम यो एक एंडी काम करो,
आगली पीढ़ी याद करै, इसा के कोए काम करो,
एंडी मास्टर बणके नै, का उंचा नाम करो,
दिन-रात एक बणाकै, मेहनत सबेरे-षाम करो,
मैं संदीप कंवल भुरटाणे आला,
मास्टर बणा पाछै भी नुए कविता सुणाउंगा,,,,
जद मैं मास्टर बण जाउंगा ;;;;9

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