Wednesday, March 21, 2012

तारी भाभी का दिल रोज खटाई मांगै सै

संदीप कंवल भुरटाणियां

उसकै खाणा पीणे नै मार दिया यारो
तारी भाभी का दिल रोज खटाई मांगै सै

ज्यूं-ज्यूं दिन टपदा जावै सै यारौ
समोसे, बरगर, पैटीज की रटाई मांगैं सै

कित लाउं रोज मैं ताजा ब्यावडी भैंस
बैरण हर टेम खीश अर मलाई मांगैं सै

घणा दुखी कर दिया सूं उसने यारो मैं
वा रोज नए-नए हलवाई मांगैं सै

फूल के पेठा सी होगी भाईयो वा चाली
उसका गात घणी कसूती कूटाई मांगै सै

न्यूं लुगाई तै डरकै के जीणा सै कंवल
संदीप का दिल तो बाबा आली चटाई मांगैं सै

No comments: