संदीप कंवल भुरटाना
नाश जाइयो उनका जिन्नै करा सै गैंगरेप
कोए जाणै भी सै यो काम होया क्यूं सै।।
रात नै फिल्म देखणी के जरूरी थी यारो
... बिना काम उन्नै यो झगड़ा झोया क्यूं सै।।
घणा बड़ा जुल्म करा सै जालिमां नै छोरी गैल
इलाज करदी हाण डाक्टर भी रोया क्यूं सैं।।
दिल्ली म्हं जाकै कट्ठे होरे सै लोग-लुगाई
हराम खोरा नै बीज बिघन का बोया क्यूं सै।।
फांसी नहीं होनी चाहिए इन काले मुंह आलां की
तड़फा के मारो सालां नै, पूंछै यो लोया क्यूं सै।।
पश्चिमी संस्कृति का झटका देखण लागरे सां हाम
नाश जाइयो उनका जिन्नै करा सै गैंगरेप
कोए जाणै भी सै यो काम होया क्यूं सै।।
रात नै फिल्म देखणी के जरूरी थी यारो
... बिना काम उन्नै यो झगड़ा झोया क्यूं सै।।
घणा बड़ा जुल्म करा सै जालिमां नै छोरी गैल
इलाज करदी हाण डाक्टर भी रोया क्यूं सैं।।
दिल्ली म्हं जाकै कट्ठे होरे सै लोग-लुगाई
हराम खोरा नै बीज बिघन का बोया क्यूं सै।।
फांसी नहीं होनी चाहिए इन काले मुंह आलां की
तड़फा के मारो सालां नै, पूंछै यो लोया क्यूं सै।।
पश्चिमी संस्कृति का झटका देखण लागरे सां हाम
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