Friday, February 24, 2012

भाईयो इन छोरियां न म्हारे हरियाणा म्हं प्यार का नाटक करके ब्होत छोरां के घर लुटवा दिए। बरगर, ढोसे, समोसे खा खूं के पार ज्यां सै। गाबरू गामां के छोरा तै यो संदेष सै

यारी करलो कोण नाटै, इन छोरियां तैं करीयो।
खूब खूवाओ बरफी रै, पर प्यार ना करीयो।।
जितणा प्यार करोगे रै,
ताम् उतणा ए मरोगे रै,
जाड्डै म्ह बी लागै गर्मी,
धोरै पाणी धरोगे रै,
बांगे-बांगे फिरोगे रै, टेम पै ना फिरियो।।
खूब खूवाओ बरफी रै, पर प्यार ना करीयो।।
ताहरै गेल्यां हौवे चाला रै,
जै होश ना संभाला रै,
उल्टा काम करौगे तो,
होज्यागा जान का गाला रै,
थामनै पड़रया सै ढाला रै, औरां नै ना पडि़यो।
खूब खूवाओ बरफी रै, पर प्यार ना करीयो।।
जद् बडडे उनका मनाओगे,
रै मंहगे गिफट मंगाओगे,
गुठी पहरा कोए लेज्यागा,
देखते ताम रहज्यावगो,
जांदे-जांदे हाथ हलाआगो, जिते जी मरियो।
खूब खूवाओ बरफी रै, पर प्यार ना करीयो।।
प्यार करा इस ढंग मैं,
हो लिया घणा तंग मैं,
सन्दीप भुरटाना जा बैठा,
चम्भोचाली कै संग म्हं,
कै धरा सैं रंग म्हं, पर मैल तै ना भरियो।
खूब खूवाओ बरफी रै, पर प्यार ना करीयो।।

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