Wednesday, August 3, 2011

संदीप कंवल भुरटाना

गामां के ठठ आडू नौजवाना नै एक संदेश

क तो खेत का काम ढंग तै कर लिया करो
अपणे बाबू का नाम रोशन कर दिया करो
उसका खंडका धरती म्ंह रगडवाके महान नहीं बणा जाया करदा
ब्याह करवाण की कह दिया करो जै उल्दे काम करा बिन ना सरदा

बाबा पीर की जय
छाती म्हं गोली लागी लाश नै देखके,,
एक बाप आपणे आसंुआ नै सारग्या,,
आज एक बाप आपणे बेटे तै हारग्या,,
अर वो बेटा जो सबमै न्यारा था,
मेरे ताउ ताई की आंख्या का तारा था,,
उसकी हालत देखके सारा गाम हारा था,
वो ओर किसे नै नहीं दोस्तो
म्हारे पडोसियां नै ए मारया था,
अर् बात कै थी,,,,,,,,,,,

एक दिन मेरा भाई भैसा नै चराण जारया था,,
औडे एक और भेंसा का टोल आर्या था,,
उस टोल म्हं एक भैंस जमा ताजा ब्यारी थी,
उस भैसां के टौल नै जमींदारा की छोरी ल्यारी थी,,
फेर एकदम इसा चाला होग्या,
छोरी कै गात का गाला होग्या,
गात गेल्यां हाथ भी पड़ग्या,
छोरी कै तो सांप लड़ग्या,
वा छोरी होई जावै आंधी,,
मेरे भाई नै पाटी बांधी,
इसा जोर का बंध लगाया,
जहर आगै जाण ना पाया,
अर छोरी नै गामै लियाया,
आकै वा ताउ रलदू तै दिखाई,
नू करके मेरे भाई नै उसकी जान बचाई,

जद् पाछै उस छोरी पक्का मन म्हं ठान लिया,,
मेरा भाई उसनै सब किमे मान लिया,
प्यार आले गुल खिलण लागै
वे लुक-छिप कै मिलण लागै,
बात घरकां तई पहुंचगी,
घरका की तो माटी कूटगी,
उसका प्यार आला भूत जागग्या
जमींदारा की छोरी नै ले के भाजगा
जमीदांरा नै मुकद्दमा बणवाया
मेरा ताउ पंचायत म्हं बुलाया
ताउ का खंडका जमीन म्हं रगडवाया
तीन लीक काडके मेरा ताउ रोदां घरा आया

फेर
दो-तीन महीने पाच्छे छोरी नै आपणा घरां फोन मिलाया
जमीदार नै फौन ठाया- अर बोल्या
बेटी चौबीसी के चौतरा पै बैठके न्याय करांगे
गामै उल्टे आ जाओ तारा ब्याह करांगे
दोनूंआ का दिमाग धक्का खाग्या
भाई उनकी भूला म्ह आग्या
उनके थे उल्टे लागै
दोनूं जणे गामै आगै
मारग्या फेरग्या उननै विश्वास
बुलाई फेर पंचायत अर खाप
पंचायत के बीच म्हं छोरी जिंदी गाड दी
अर मेरे भाई की छाती म्हं कै गोली काड दी

अर के खोट था उनका पंचायत आले फैसला करवां सकें थे
दोनूं परिवारां के रोले नै बैठकै सुलझा सकै थे
पर होणी नै कोण टाल सकै था
मेरा ताउ मारअ सारा गैल झखै था
जिद मेरा ताउ भाई की लाश नै लाण जारया था
उसका कालजा मुंह नै आरया था
कै कमी रहगी वो या ए बात विचारै था
रो-रो कै मेरा ताउ भींता कै टक्कर मारै था

जवानी म्हं गलती करण आलो, इस गलती नै बोच लिया करो
मां बाहण बाबू की रे-रे माटी होगी, थोडा सा सोच लिया करो
इन झूठे प्यार के चक्करा म्हं पडके, गहरी नींद सो जाओ सो
जिस मां बाप नै पाले पोशे, मिनटां म्हं खो जाओ सो
जवानी की गलती मैं आज हर कोए खोज्या सै
उसके इस काम पाच्छे घरकां का जीणा दूभर होज्या सै
आपणे दिमाग की नसां पर जोर दिया करो
बूढां धोरे बैठके किमे सीख लिया करो
रोलां झगडा चाल जाया करै पर प्यार प्रेम नहीं चाल्या करै
चोट लागोडी ठीक होज्या, पर या चोट रैध घाल्या करै
नौजवान भाईयो लिखियो, पढियो, नौकरी म्हं फंसियो
इन झूठै प्यार प्रेम मोह माया तै बचियो
धन्यवाद
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