Thursday, August 11, 2011

एक पक्षियों का जोड़ा


स्ंादीप कंवल भुरटाना
प्रेम मिलन चला हुआ है एक छोटी सी कतार में

, डुबा हुआ है। प्यार में।।

प्यार के खेल मेें, दोनों एक होते जाएं,
दोनों एक दूसरे के मन को मोहते जाएं,
फड़-फड़ पंखों से ये दिल अपना बहलाए,
म्ुाख में मुख लेकर ये अद्भूत प्रेम दिखंलाए,
मिलन का खेल सब जगह चल रहा है कतार में,
एक पक्षी साथ छोड़ गया,
साथी का दिल तोड़ गया,
क्या-क्या ख्वाब सजाए उसने,
वो वापिस उनको मोड़ गया,
टूटते-जुड़ते रिष्ते, हजारो हैं संसार में,
एक पक्षी दांए चला गया,
छूसरा पक्षी बांए चला गया,
क्लम कवि की रूक गयी,
एक खतरा भी टला गया,
लिखते-लिखते मन मेरा भी,
डूब गया खूमार में।।।

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